जब जब पड़ी ज़रूरत
जिस्म का सारा लहू निचोड़ दिया
खून के लिए किसी भाई का फोन आने पर, तुरंत मैंने घर से मोटरसाइकिल उठाई और तारावती हॉस्पिटल जा पहुंचा,
दिमाग़ में बस यही चल रहा था, कि किसी तरह वक्त पर पहुंच जाऊं, ताकि उस भाई की ज़रूरत को पूरा कर सकूं,
आमाल तो अपने ऐसे हैं नहीं, क्या पता रब एक छोटी सी कोशिश पर ही बख्श दें, अल्लाह तबारक व ताला इस छोटी सी कोशिश को कुबूल फरमाए,
आप सभी से निवेदन है कि अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर अपने ब्लड ग्रुप को जरूर लिखें ना जाने कब किस को जरूरत पड़ जाए।
धन्यवाद
आपका अपना पार्षद हाजी शाहनवाज
वुडन सिटी सेक्टर 60 सहारनपुर
स्वच्छ भारत अभियान